यूँ ही रहना मेरे पास युगों- युगांतर।
टिमटिमाता दीप
यूँ ही रहना मेरे पास युगों- युगांतर।
मैला चाँद
जिंदगी सच में बहुत अजीब है,
क्या सोचो क्या हो जाता है,
कितना भी संभाल कर रख लो,
हर कदम पर कुछ न कुछ खो जाता है।
जब आसान तरीके से चल सकती है राहें,
हम मुश्किलें खुद बढ़ाते हैं,
अपनी मर्ज़ियाँ थोप कर जीने को हम,
खुशियों का जामा पहनाते हैं।
क्यों नहीं अपनी-अपनी राह चलकर
रास्ता तय हो सकता है,
क्यों हर बात पर एक स्वीकृति चाहिए,
क्यों अपनी साँसों पर भी दूसरों का पहरा लगता है।
हाँ, हैं ख़ामियाँ सब में ही,
तुम में, मुझ में, सब में,
तो उन्ही खामियों सँग क्यों नहीं जीते लोग,
कुरेद-कुरेद कर मानो तार-तार ही हो जाएगा,
ये वक़्त इतना भारी है कि कोई कुछ समझ नहीं पायेगा।
रिश्तों का आवरण तो शायद हर जगह फैला है,
जो चमक रहा सूरज की तरह बाहर से,
हर रिश्ता आज चाँद जितना ही मैला है।
Tripti Bisht
HELLO!
She sits with eyes that speak
Waiting for the passerby friends
To hold her raised hand that greets
All she wants is a smile for a smile
A hello for a hello
She is always waiting there
Not to just take what you have
But give back a feeling that's so rare
My conversations with her
Cover all things possible
From Corona and her eye allergy
To her old age and love for cottage cheese
I love the way she listens patiently
As I hold her hand in mine
She is a comforting soul
Who doesn't speak yet understands
The unsaid words are louder than
What words can often convey
Some friendships are beyond humans
I call them real humans... dogs some say
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